"मोबाइल फोन" मोबाइल का नाम सुनते ही आज के जमाने में बच्चे हो जवान हो या बुजुर्ग सब के कान चमक जाते हैं मोबाइल जैसे हमारे जीवन ज़रूरीयात का एक अहम हिस्सा बन चुका है। मोबाइल को हम पुरा दिन साथ लेकर घूमते हैं सोते भी साथ लेकर है। एक दीन भी मोबाइल का नेटवर्क चला जाए तो हमारी दुनिया जैसे थम जाती है।
मोबाइल फोन का आविष्कार 'Martin Cooper Namah' नाम के अमेरिकन इंजीनियर ने ३ अप्रैल, १९७३ को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया था। मोबाइल एक विज्ञान का ऐसा आविष्कार है जो हमे लाभ और गैर लाभ दोनों देता है मोबाइल को अगर हम दोनों पहलू से देखें तो वो हमारा मित्र भी है और शत्रु भी अगर हम मोबाइल के लाभ के बारे में बात करें तो मोबाइल जैसे हमारी तीसरी आंख है। वो हमारा सबसे करीबी मित्र है जो हर कदम पर हमारा साथ देता है।
मोबाइल का आविष्कार नहीं हुआ था तब लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अगर एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति तक संदेशा पहुंचाना हो तो पत्रव्यवहार चलता था और पत्र व्यवहार से संदेश पहुंचने में कई दिन लग जाते थे और आज कुछ सेकंड ही लगती है। ऐसे ही मोबाइल की वजह से हमारा काम आसान हो गया है। से की हमारे कोई भी संबंधी से बातचीत करना उसे वीडियो कॉल से देखना टैक्सी या टिकट बुक करवाना ऑनलाइन सामान खरीदना मोबाइल मैप से रास्ता देखना मोबाइल के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करना ऐसे तो अनगिनत लाभ है। कैलक्यूलेटर भी मोबाइल में ही आता है जिसकी वजह से हम अंक गणना भी आसानी से कर सकते हैं। आजकल ऐसी ऐप भी मोबाइल में आ गई है जिससे हम मुसीबत में हो तो हमारे करीबी तक S.M.S. पहुंच जाता है और अगर हमारा वाहन कहीं खो गया हो तो हम मोबाइल द्वारा पता लगा सकते हैं। ऐसे मोबाइल हमारे लिए लाभदाई एवं हमारा मित्र है।
अब हम मोबाइल के दूसरे पहलू यानी गैर लाभ के बारे में बात करते हैं।मोबाइल की वजह से हमें नुकसान भी बहुत होता है मोबाइल में से जो रेडिएशन निकलता है वह हमारे दिमाग के लिए बहुत ही हानिकारक है। मोबाइल की स्क्रीन ज्यादा देखने से हमारी आंखों को भी बहुत नुकसान होता है आपने भी देखा होगा कभी-कभी हम ज्यादा स्क्रीन देखते हैं तो हमारे सर में दर्द होने लगता है। मोबाइल में हम फोन नंबर वगेरा सेव रखने के कारण कुछ याद रखने की कोशिश भी नहीं करते जिसकी वजह से हमारी याददाश्त भी कमजोर हो जाती है। जब हम लाउडली म्यूजिक या कोई फिल्म सुनते हैं तब हमारे कानों को भी बहुत नुकसान होता है
आपने स्टीव जॉब्स का नाम तो सुना ही होगा जिसने दुनिया को एप्पल फोन, आईफोन, आईपैड दीया है एक बार उसके घर उसके मित्र निक बिल्टन को भोजन के लिए आमंत्रित किया निक बिल्टन ने ऐसे ही डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खाते हुए स्टीव जॉब्स से पूछा आपके बच्चे कौन सा आईफोन इस्तेमाल करते हैं दोनों बच्चों ने कोई जवाब नहीं दिया चुपचाप खाना खाते रहे निक बिल्टन ने फिर से पूछा तो स्टीव जॉब ने कहां मेरे बच्चों ने आज तक आईफोन को टच भी नहीं किया है। यह प्रसंग निक बिल्टन ने स्टीव जॉब्स की आत्मकथा मे ऐ प्रसंग लिखा है।
तो हमने देखा की मोबाइल हमारे लिए लाभदाई और नुकसान करता भी है इसलिए हमें सोच समझकर उसका इस्तेमाल करना चाहिए।
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